नारी शक्ति।
फूलों की कोमल छाया में,
शक्ति का नाम ही नारी है।
जग को जीवन देने वाली,
मौत भी तुमसे हारी है।
दया, क्षमा, उपकार,
प्यार का,
लेकर कर में पवन डोर।
आंचल के पलने में पाला,
सकल विश्व हो आत्म विभोर।
विहस रहा मातृत्व तुम्हारा,
कहकर तुम्हे अनारी है।
जग को जीवन देने वाली,
मौत भी तुमसे हारी है।
जय श्री हरि:
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