Friday, August 28, 2015

वाराह भगवान।

वाराह भगवान।
भागवत पुराण के अनुसारब्रह्मा नें मनु और सतरूपा का निर्माण किया और सृष्टि करने की आज्ञा दी। इसके लिये भूमि की आवश्यकता होती है जिसे हिरण्याक्ष नामक दैत्य लेकर सागर के भीतर भू देवी को अपना तकिया बना कर सोया था तथा देवताओं के डर से विष्ठा का घेरा बना रखा था।

मनु सतरूपा को जल ही जल दिखा जिसके बारे में ब्रह्मा को बताया तब ब्रह्मा ने सोचा कि सभी देव तो विष्ठा के पास तक नहीं जाते, एक शूकर ही है जो विष्ठा के समीप जा सकता है। भगवान विष्णु का ध्यान किया और अपने नासिका से वाराह नारायण को जन्म दिया, पृथ्वी को ऊपर लाने की आज्ञा दी। वाराह भगवान समुद्र में उतरे और हिरण्याक्ष का संहार कर भू देवी को मुक्त किया।

[चित्र में-- अपनी कोहनी पर भू देवी को उठाए हुए जल से बाहर आ रहे तथा सर्प पर खड़े वाराह भगवान का शिलाचित्र, दिल्ली संग्रहालयमें।]

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