गंगोत्री धाम।
गंगोत्री धाम में मां गंगा की पूजा होती है। पौराणिक कथा के अनुसार, स्वर्ग से उतरकर गंगाजी ने पहली बार गंगोत्री में ही धरती का स्पर्श किया था। कहते हैं, गंगा जी के मंदिर का निर्माण 18वीं सदी में अमर सिंह थापा ने करवाया, लेकिन वर्तमान मंदिर 20वीं सदी के प्रारंभ में जयपुर नरेश माधोसिंह ने बनवाया। इसके गवाक्ष राजस्थानी शैली और स्तंभ राजस्थानी व पहाड़ी शैली में बने हैं। सूर्योदय के समय स्वर्णिम किरणों से मंदिर की आभा दैदीप्यमान हो जाती है। गंगा का उद्गम गंगोत्री से 19 किमी. दूर गोमुख में है। लेकिन, श्रद्धालु गंगोत्री में ही गंगाजी के दर्शन करते हैं।
गंगोत्री धाम में मां गंगा की पूजा होती है। पौराणिक कथा के अनुसार, स्वर्ग से उतरकर गंगाजी ने पहली बार गंगोत्री में ही धरती का स्पर्श किया था। कहते हैं, गंगा जी के मंदिर का निर्माण 18वीं सदी में अमर सिंह थापा ने करवाया, लेकिन वर्तमान मंदिर 20वीं सदी के प्रारंभ में जयपुर नरेश माधोसिंह ने बनवाया। इसके गवाक्ष राजस्थानी शैली और स्तंभ राजस्थानी व पहाड़ी शैली में बने हैं। सूर्योदय के समय स्वर्णिम किरणों से मंदिर की आभा दैदीप्यमान हो जाती है। गंगा का उद्गम गंगोत्री से 19 किमी. दूर गोमुख में है। लेकिन, श्रद्धालु गंगोत्री में ही गंगाजी के दर्शन करते हैं।
जय मां गंगा…
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