Tuesday, June 02, 2015

महावीर हनुमान।

महावीर हनुमान।
श्रीहनुमान चालीसा में गोस्वामी तुलसीदासजी लिखते है-
‘महावीर विक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी’
अर्थात्- आप महान वीर और बलवान हैं, वज्र के समान अंगों वाले, खराब बुद्धि दूर करके शुभ बुद्धि देने वाले हैं।

हनुमानजी गदा युद्ध का प्रयोग नहीं करते थे, मुक्के का प्रयोग करते थे, हनुमानजी को महावीर कहा गया है। वीर शब्द भी बहुतों के लिए आया है- भीष्म पितामाह, अर्जुन, मेघनाथ पर ‘महावीर’ केवल हनुमानजी के लिए आया है। महावीर जिनमें पाँच लक्षण हो- विद्यावीर, धर्मवीर, दानवीर... आदि वह वीर है और पाँच लक्षण से युक्त वीर को भी अपने वश में करके रखें वो महावीर हैं। भगवान में ये पाँच लक्षण थे और हनुमानजी ने उन्हें भी अपने वश में कर रखा था।

1 comment:

  1. जय श्रीमहावीर हनुमान...

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